Wengers - वेंगर्स - Delhi's first bakery


Wengers - वेंगर्स- दिल्ली की पहली बेकरी  

      वेंगर्स सिर्फ एक बेकरी ही नहीं है, यह दिल्ली के इतिहास का हिस्सा है। इसे हम दिल्ली में "बेकरियों का बेताज़ बादशाह" भी कह सकते है, देश की आज़ादी से पहले स्थापित यह उस स्विस दम्पति (Swiss couple) के नाम पर है जिसने इसे शुरू किया। 

      "Wengers ने कनॉट प्लेस को ईंट दर ईंट बनते देखा है", 1933 में कनॉट प्लेस के पूरा होने के दिनों से आज तक सिर्फ कुछ ही दुकानें और प्रतिष्ठान बच गए है, यह नई राजधानी की सबसे पुरानी बेकरी में से एक है। 

Wengers Bakery at delhiblogs.com
Wengers Bakery

      आईये करते है इसके के साथ एक मेल मिलाप - जिसने दिल्ली को केक और पेस्ट्री से रूबरू कराया और जो 6 साल बाद अपने 100 वर्ष पूरा करने वाला है। 

स्थापना

      Connaght Place में शुरू से अभी तक चलने वाले कुछ मूल प्रतिष्ठानों या दुकानों में से एक, यह दिल्ली के इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए एक रोचक विषय हो सकता है। 

       कुछ जानकारों का कहना है की वेंगर्स की शुरुआत 1924 में खानपान की व्यवस्था करने वालों के रूप में हुई, जब स्विस जोड़ी (Swiss couple) जीन स्टेरची वेंगर और HC वेंगर ने इसे कश्मीरी गेट से संचालित अंग्रेजी सैनिकों के लिए शुरू किया, और 2 साल बाद यह एक मिष्ठान की दुकान के रूप में आया जब इसे सिविल लाइन्स के एक्सचेंज स्टोर बिल्डिंग में खोला गया।

Wengers bakery at delhiblogs.com
Wengers bakery

      1926 में एक अंग्रेज वास्तुकार सर रोबर्ट टोर रसेल द्वारा इसे आकर दिया गया और तब से आज तक यह एक तूफ़ान सा चला रहा है और अपने चाहने वालों के दिलों पर राज़ कर रहा है। 

        Wengers का भोजन और विधता जरूर अच्छी रही होगी, इसीलिए जब कनॉट प्लेस का निर्माण हो रहा था तब इसके लिए A-ब्लॉक में पहले से ही जगह आरक्षित कर दी गयी थी।

      आधिकारिक रूप से वेंगर्स 1930 के दशक की शुरुआत में अपने आज के स्थान पर आया। उस वक़्त इसमें चाय और मिष्ठान के साथ मेल-मिलाप के लिए एक कमरा, एक ग्रीन रूम (पार्टी के लिए) और एक डांस हॉल था जो 2 मंजिलों पर फैले हुए थे। 

Wengers Bakery at delhiblogs.com
Wengers Bakery

       1933 में जब कनॉट प्लेस अपने अस्तित्व में आया, तो वेंगर्स ने पहले ही शहर के जाने माने रईसों और प्रभावी लोगों के लिए खुद को एक पसंदीदा स्थान के रूप में स्थापित कर लिया था। 

      1947 में देश की आज़ादी तक यह अँग्रेजी अफसरों और नौकरशाहों, विदेशी राजनयिकों और भारतीय राजघरानों के बीच बहुत लोकप्रिय था। अपने शुरुआती दिनों में यह शादियों, पार्टियों और  आधिकारिक रात्रिभोज  पसंदीदा स्थान था। 

      और एक सही अँग्रेजी राज के अंदाज़ में, गर्मियों के दिनों में यह, गर्मियों की राजधानी शिमला जाने के लिए अपने दरवाज़े बंद कर देता थे। 


Wengers bakery at delhiblogs.com
French Macarons at Wengers Bakery


एक परिचय 

       यह शाही राजधानी दिल्ली की पहली बेकरी थी जिसने फ्रेंच ब्रेड, प्लम केक, और स्विस चॉक्लेट की शरुआत की, 1920 से पहले अधिकतर भारतियों के लिए केक और पेस्ट्री, खाने की अंजान वस्तुएँ थी। और महंगी होने के कारण इन चीज़ों के ज्यादातर ग्राहक अंग्रेज़ होते थे। 

      शुरुआत के दिनों में Wengers Bakery का मेनू बहुत सीमित होता था जो बाद में इसकी लोकप्रियता के साथ बढ़ता गया, एक लम्बे समय तक यह दिल्ली का एकमात्र स्थान था जहाँ आप चॉक्लेट, पेस्ट्री, सैंडविच और केक इत्यादि का आनंद ले सकते थे। 

Wengers bakery at delhiblogs.com
Wengers bakery

      प्लम केक, जिसमे फल को एक महीने तक रम में भिगोया जाता है, आज भी सबसे पसंद किया जाता है। करीब 200 या उससे अधिक विविध उत्पादों के साथ, अनानास पेस्ट्री, शमी कबाब, कीमा पेटिस, ताजा बन और ट्रफल्स मशहूर चीज़ें है। 

      आज का वेंगर्स 1945 से पहले जैसा नहीं दिखता, जब इसकी शैली स्पष्ट रूप से यूरोपीय थी, बेकरी का प्रवेश कक्ष ऊँचे स्तम्भों से सजा था, एक विशाल बरामदा था और छत 20 फ़ीट ऊँची होती थी। 

Wenger's Bakery at delhiblogs.com
Wengers Bakery

       शायद अच्छा ही है की इसकी कई शाखाएं नहीं है और फ्रेंचाइजी के ज़माने में अपने स्तर और मापदंड को ना गिराते हुए, आज भी अपनी वही गुणवत्ता और स्वाद के साथ दिल्ली का इकलौता Wengers है। 

कब बेचा गया 

      1945 में स्वतंत्रता से कुछ साल पहले, स्विस दम्पति (swiss couple) ने वेंगर्स को अपने यहाँ काम करने वाले एक कर्मचारी, श्री बृज मोहन टंडन को बेच दिया। उनका परिवार, जो आज भी दिल्ली में ही रहता है, इस रेस्टोरेंट का मालिक है और वही इसे चलाते है। 


Wengers bakery at delhiblogs.com
Owner of the Wengers bakery

       अपनी सम्पति को बेचने के बाद स्विस दम्पति ने स्थायी अवकाश लिया और देहरादून चले गए। आज जब कनॉट प्लेस की कई पुरानी दुकानें बंद हो गयी है या कई बार बेचीं जा चुकी है, Wengers Bakery में आज भी ज्यादा बदलाव नहीं आया है। 

      1979 के बाद जब इसका रेस्टोरेंट और डांसिंग हॉल बंद हुआ तो यह कनॉट प्लेस की एक छोटी सी दुकान बन कर रह गया, पर उस मूल क्षेत्र का एक हिस्सा अभी भी इस बेकरी में शामिल है। 


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Lemon Tart at Wenger's bakery
    

वर्तमान समय 

       आज, इसे कई चुनौतियों और प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, हालाँकि यह अब इतना लोकप्रिय नहीं है जितना कभी इतिहास में था, फिर भी यह दिल्ली के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक संस्थानों में से एक बना हुआ है। 

     यह अभी भी अपनी पुरानी दुनिया के आकर्षण के साथ-साथ बेहतरीन पकवान बनाने की क्षमता को बरक़रार रखते हुए हर दिन भीड़ को खींचता रहता है। यहाँ का विनम्र स्वाभाव, धीमापन और व्यक्तिकृत सेवा पुरानी दिल्ली के अतीत की एक झलक दिखाता है। 

Wengers bakery at delhiblogs.com
Wengers bakery

कैसे पहुँचे 

       Wengers Bakery कनॉट प्लेस के A-ब्लॉक में स्थित है, यह पूरी दिल्ली से बस और मेट्रो की सुविधा से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, इसका नजदीकी दिल्ली मेट्रो स्टेशन - Rajiv Chowk Metro Station 

       यह रोजाना सुबह 10:45 से शाम 07:45 तक खुला रहता है। 

     कुछ ही कैफ़े या रेस्टोरेंट ऐसे है जिन्होंने अंग्रेज़ी साम्राज्य के चरम और पतन दोनों को देखा है, यह उन्ही में से एक है।    


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