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मेरे बारे में      




       नमस्कार दोस्तों, मैं दिलवालों की दिल्ली में रहने वाला नवीन कुमार आप सभी का इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूँ। हमारा पुश्तैनी घर आज भी साउथ दिल्ली के एक ऐतिहासिक और शहरी गांव, चिराग़ दिल्ली में स्तिथ है। 

       जिसे DDA ने कुछ समय पहले एक विरासत गॉंव घोषित और विकसित करने का निर्णय लिया है, वह शायद इसलिए के इस गांव का इतिहास 600 साल से भी अधिक पुराना है। चिराग दिल्ली के इतिहास के बारे में हम एक अलग आर्टिकल के माध्यम से जरूर जानेंगे।

      स्कूल में मेरे दोस्त अक्सर कहते थे के किसी का गांव हरियाणा में है तो किसी का पंजाब, किसी का राजस्थान, UP और बिहार में, लेकिन जब मैं कहता की मेरा गांव दिल्ली में है तो कुछ समझाते के दिल्ली तो किसी की है ही नहीं और ना ही यह गांव है, जिस वजह से मैं अक्सर ही एक हैरानी और उलझन में पड़ जाता।

       तब शायद पहली बार, मैंने खुद से या घर जाकर पूछा होगा, "क्या है दिल्ली " ?

      फिर कुछ सालों के लिए मैं यह सवाल भूल गया पर कभी-कभी मुझे यह जरूर महसूस होता था की मैं दिल्ली से सम्बंधित हूँ इससे मेरा जुड़ाव व लगाव है।

      दिल्ली एक विरोधाभासों का शहर है, अतीत - वर्तमान, शहरी - ग्रामीण या अमीर - ग़रीब, सब एक साथ इस हलचल से भरे महानगर में शांति से रहते है। कोई फ़र्क नहीं पड़ता के दिल्ली कितनी आधुनिक है, यह अभी भी बहुत पुराना शहर है, महाभारत में इंद्रप्रस्थ इसी को कहा गया है।

      ग़ालिब साहब ने भी दिल्ली के लिए क्या खूब कहा है -
      "दुनिया एक शरीर है और दिल्ली उसकी आत्मा".

      आज पूरी दुनिया जब इस अभूतपूर्व और अद्वित्य लॉक डाउन में अपने घरों में सीमित है तो मुझे मौका मिला उस सवाल के जवाब को जानने का, अपने सभी पुराने फोटो और अनुभवों को फिर से याद किया एवं और अधिक जानकारी इकठा करना शुरू किया, मैंने पाया की ब्लॉग्गिंग एक बेहतर माध्यम है अपनी पसंदीदा जानकारी और अनुभवों को दुनिया के साथ साँझा करने का और इस तरह इस ब्लॉग की शुरुआत हुई। 

      दिल्ली के हर मोड़ पर एक कहानी है एक किस्सा है, आइए जानते है, पहचानते है और समझते है अपनी दिल्ली को। 

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